
kaivalya foundation orgnised nukkar natak event on the social issue “JAM”
हर शनिवार नुक्कड़ संवाद श्रृंखला की नई कड़ी में कैवल्य फाउंडेशन की सांस्कृतिक ईकाई”सदा लोक मंच” ने उदय कुमार लिखित एवं निर्देशित नाटक “धक्के पे धक्का” का प्रदर्शन किया। खगौल स्थित दानापुर रेलवे स्टेशन के पास ऑटो स्टैंड में गीत-” जाम- जाम- महाजाम, दावे हुए फुर्र तमाम, इधर रुके, उधर मुड़े, बीच में अटके सिर धुने, कहीं गिर पड़े तो लगे जैसे हो गया अब काम तमाम” से नाटक की शुरुआत हुई। नाटक में सड़कों पर लग रहे रोज़ जाम से होनेवाली परेशानियों को बड़े ही रोचक अंदाज से दर्शाया गया।
दिनोदिन बढ़ते जा रहे जाम त्रस्त पात्र आकर अपना दुखड़ा सुनते हैं। जाम में फंसे स्कूली बस में परेशान बच्चे बिलख रहे हैं तो कभी जाम में फंसकर गंभीर मरीज दम तोड़ रहे हैं। किसी की ट्रेन छूट जाती है तो कोई ऑफिस में लेट होने की वजह से डरा हुआ है। शादी – ब्याह के समय कई बारातें जाम में फंस जाती हैं। शुभ लग्न मुहूर्त जाम में फंसकर रास्ते में ही बीत जाता है। जाम के चकरव्यूह को भेदना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है। नाटक में जाम से होने वाली कई परेशानियों के प्रसंग उभरते हैं।
जाम के मुख्य कारणों पर भी नाटक में चर्चा की गई। एक तरफ ट्रैफिक नियमों का उल्लघंन करना, दूसरी तरफ प्रशासन की लापरवाही से जाम की स्थिति विकराल होती जा रही है। ट्रकवालों से पैसा वसूल कर पुलिस खुलेआम प्रतिबंधित समय या रूट से ट्रकों को जाने देती है।
सड़कों पर अतिक्रमण, पुलों की जर्जर स्तिथि के कारण रूट बंद हो जाना, किसी खास रूट पर अधिक बोझ पड़ना, सड़कों पर ट्रकों की कतार लगा रहना, आदि आदि जाम की वजहों पर चर्चा करते हुए नाटक में जाम से निपटने के लिए प्रशासन से ठोस नीतिगत कदम उठाने एवं आमजन को भी अपनी भूमिका निभाने की अपील की गई। युवा रंगकर्मी शिवम कुमार के नेतृत्व में राजीव रंजन त्रिपाठी, पंकज, भोला यादव, अशोक, सूरज आदि कलाकारों ने भूमिका निभाई। उपस्थित समाजसेवी अनिल कुमार ने कलाकारों के प्रयास की सराहना की।